कोरोना रोकने के मामले में राजस्थान बना अव्वल, 10 बड़े राज्यों की अध्ययन की रिपोर्ट


नई दिल्ली. राजस्थान में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सराहना प्राप्त कर चुके राजस्थान के लिए अब एक और खुशखबरी आई है. कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए गए बेहतर कदमों के मामले में राजस्थान देश में अव्वल रहा है. बड़ी बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा 10 राज्यों के तुलनात्मक अध्ययन में राजस्थान हर इंडेक्स में अव्वल रहा है.

राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ रघु शर्मा ने इसका श्रेय मुख्यमंत्री द्वारा की गई माइक्रो प्लानिंग और प्रदेशवासियों की सजगता और सावधानी को दिया है. यह रिपोर्ट 10 राज्यों द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए किए कार्यों का अध्ययन प्रस्तुत की है. एक्टिव केसेज, रिकवर केसेज, मृत्यु दर सहित कोरोना की रोकथाम के सभी क्षेत्रों में राजस्थान नंबर वन पर है.

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री का दावा है कि

पूरे देश में 35 लाख टेस्ट हुए हैं और अकेले राजस्थान में 4 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं. सवाईमानसिंह अस्पताल में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं. प्रदेश में 18 दिनों में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है जबकि देश में यह दर 12 दिन है. इसके कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे जा रहा है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के मुताबिक प्रदेश में मृत्युदर 2.16 है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का ही विजन था कि जिस प्रदेश में जीरो टेस्टिंग थी वहां आज 18 हजार 250 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है. जल्द ही 25 हजार के लक्ष्य को भी अर्जित कर लिया जाएगा.

सरकार की माइक्रो प्लानिंग के चलते ही कोरोना गांवों में फैलने से बचा. सरकार ने होम, इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर, कोविड केयर सेंटर, कोविड डेडिकेटेड अस्पताल आदि व्यवस्थाओ से संक्रमितों की तादात को रोकने के प्रयास किये जा रहे है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्थागत क्वारंटीन सुविधा अव्वल दर्जे की रही है. ग्राम, उपखंड और जिला स्तर पर कमेटी बनाकर जो माइक्रो लेवल पर काम किया उसी का नतीजा रहा कि 11 लाख लोग अहमदाबाद, सूरत, मुंबई जैसे देश के अन्य संक्रमित हिस्सों से गांवों में आए लेकिन संक्रमण उतना नहीं फैल पाया.

 

पॉजिटिव ग्राफ में आई कमी:

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य में पहले कोरोना केसेज का ग्राफ बढ गया था लेकिन अब यह नीचे आ रहा है. प्रदेश में अब लोगों की सावधानी की वजह से संक्रमण बढ नहीं रहा है. अब ग्रामीण लोगों में भी कोरोना को लेकर जागरूकता आने लगी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हालांकि 2803 एक्टिव केसेज हैं लेकिन इनमें से 2620 प्रवासी कामगार हैं. प्रवासियों को छोड़कर केवल 183 केसेज वर्तमान में एक्टिव हैं.

 

अब अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी फोकस:

चिकित्सा म मंत्री डॉ शर्मा ने कहा कि अब राजस्थान में राष्ट्रीय कार्यक्रम, टीकाकरण, मातृ-शिशु , कैंसर रोकथाम व अन्य कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेष में 550 मोबाइल ओपीडी वैन चलाई गई, जिससे लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं. आमजन को घर बैठे ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया. जहां हजारों लोग सीधे या ई-मित्र के जरिए परामर्श और उपचार ले चुके हैं.

 

गांवों में लगाए जाएंगे स्वास्थ्य मित्र:

राज्य सरकार का दावा है अब राजस्थान में 40 हजार से ज्यादा राजस्व गांवों से एक महिला और एक पुरुष को स्वास्थ्य मित्र बनाया जाएगा और वे प्रदेश में स्वास्थ्य की अलख जगाने में मददगार साबित होंगे.