कोरोना महामारी से निपटने को लेकर राजस्थान सरकार हुई सख्त, उठाए कई कड़े कदम


जयपुर. राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी 196 नगरीय क्षेत्रों (नगर निगम, नगरपालिका एवं नगर परिषद) और कृषि मण्डियों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है . अधिकारियों को जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, टोंक, झुंझुनूं, बांसवाड़ा आदि जिलों में भीलवाड़ा मॉडल तुरंत लागू कर स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं.

राजस्थान सरकार ने साफ कहा है कि कर्फ्यू वाले सभी 38 क्षेत्रों में इसकी सख्ती से पालना करवाई जाए. कर्फ्यू वाले क्षेत्र से कर्मचारी सहित कोई भी व्यक्ति अंदर या बाहर नहीं जाए. जयपुर में भट्टा बस्ती, अमृतपुरी, खो-नागोरियान, मोती डूंगरी रोड क्षेत्र, जहां घनी आबादी है, वहां रामगंज की तरह ही स्क्रीनिंग, टेस्टिंग सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं.

जयपुर में चारदीवारी के अलावा जिन जगहों पर कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आये हैं, वहां आस-पास के लोगों को होम (निवास) क्वारंटाइन में रखा जाए. क्वारंटाइन के लिए जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में स्थित बड़े शिक्षण संस्थानों, होटल, हॉस्पिटल और अन्य भवनों को चिन्हित कर उपयोग में लिया जाए. क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए और प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाए. इसकी राजधानी जयपुर में अहम जिम्मेदारी जयपुर विकास आयुक्त और वरिष्ठ IAS अधिकारी श्री टी. रविकांत को दी गई है. नोडल अधिकारी बनाया गया है. गौरतलब है कि टी. रविकांत ने जयपुर सहित कई जिलों में कलेक्टर रहते हुए अपनी क्षमता, कार्यकुशलता और विजन से अपने प्रशासनिक कौशल का लोहा मनवाया है. इसी लिहाज से जयपुर में यह अहम जिम्मेदारी टी. रविकांत को दी गई है. सभी क्वारंटाइन सुविधाओं का प्रभारी बनाया गया है.

कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट्स में प्रभावी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए कैमरे लगाकर निगरानी करने, आवाजाही पर सख्ती के निर्देश CM अशोक गहलोत ने दिए. साथ ही कहा कि चारदीवारी में यह प्रयोग सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह की व्यवस्था की जा सकती है. उन्होंने निर्देश दिए ड्रोन कैमरों का उपयोग कर मॉनिटरिंग को अधिक प्रभावी बनायें, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके.

जयपुर के चारदीवारी में संक्रमण के प्रभाव वाले क्षेत्रों में क्लस्टर सैम्पलिंग की व्यवस्था की जाए. इसके लिए पूरे क्षेत्र को 30 कलस्टरों में बांटकर प्रत्येक कलस्टर से 30 सैम्पल लिये जाएं. इससे क्षेत्र में अधिक संक्रमण वाले इलाकों का पता चल सकेगा और इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने में आसानी होगी. उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में 5 मोबाइल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था करने के भी निर्देश दियेे. कोरोना की रोकथाम की मुहिम में शामिल सभी स्वास्थ्यकर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों को सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाने और उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के निर्देश जारी किए गए हैं.

राजस्थान में कोरोना वॉर के प्रमुख योद्धा, दिनरात इसके नियंत्रण में जुटे अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग के लिए 10 लाख किट्स का ऑर्डर दिया जा चुका है. इनमें से 2 लाख किट्स की पहली खेप जल्द ही प्राप्त हो जायेगी. उन्होंने बताया कि अब सबसे ज्यादा टेस्ट करने के मामले में महाराष्ट्र के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर है.

राजस्थान के CM ने वीडियो कॉन्फ्रेंस सेे बैठक ली जिसमें मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा अजिताभ शर्मा, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, जेडीसी टी. रविकान्त, पुलिस आयुक्त आनन्द श्रीवास्तव, जयपुर जिला कलेक्टर जोगाराम, नगर निगम आयुक्त वी.पी. सिंह सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे.

बैठक के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका भी मौजूद रहे. कुलदीप रांका वह अधिकारी है जिन्होंने कोरोना से जुड़े हुए मुख्यमंत्री के हर फैसले को कैसे हकीकत के धरातल पर लागू किया जाए इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया है. उधर राजस्थान सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सभी निजी स्कूलों को पाबंद किया है कि वह लॉक डाउन के दौरान अभिभावकों पर फीस लेने का दबाव ना बनाएं. वहीं 10वीं और 12वीं को छोड़ सभी कक्षाओं के छात्र-छात्राएं क्रमोन्नत किए जाएं.