PM नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के पहले फेज का उद्घाटन किया।


दौसा। PM नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के पहले फेज का उद्घाटन रविवार को किया। इसके बाद सभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा- कांग्रेस सीमावर्ती इलाकों में सड़क बनाने से डरती थी। उन्हें लगता था कि दुश्मन हमारी बनाई सड़कों से चलकर देश के भीतर आ जाएगा। मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस क्यों हमारे सैनिकों के शौर्य और बहादुरी को कम आंकती रही है। इस दौरान PM मोदी ने राजस्थान सरकार पर भी कई तंज कसे। यहां तक कि हाल में पुराना बजट भाषण पढ़ने के मामले पर भी PM ने CM गहलोत पर चुटकी ली।

PM ने अपने संबोधन में कहा आज दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है। ये देश के सबसे बड़े और सबसे आधुनिक एक्सप्रेसवे में से एक है। ये विकसित होते भारत की एक और भव्य तस्वीर है। मैं दौसा वासियों को, सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भाइयों और बहनों, जब ऐसी आधुनिक सड़कें बनती हैं, आधुनिक रेलवे स्टेशन, रेलवे ट्रैक, मेट्रो, एयरपोर्ट बनते हैं, तो देश की प्रगति को गति मिलती है। दुनिया में ऐसे अनेक अध्ययन हैं, जो बताते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगाई गई राशि, जमीन पर कई गुना ज्यादा असर दिखाती है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला निवेश, उससे भी अधिक निवेश को आकर्षित करता है। बीते 9 वर्षों से केंद्र सरकार भी निरंतर इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा निवेश कर रही है। राजस्थान में भी हाईवे के लिए बीते वर्षों में 50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक दिए गए हैं। इस वर्ष के बजट में तो हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। ये 2014 की तुलना में 5 गुना अधिक है। इस निवेश का बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को होने वाला है, यहां के गांव, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को होने वाला है। साथियों, जब सरकार, हाईवे-रेलवे, पोर्ट-एयरपोर्ट, उस पर निवेश करती है, जब सरकार ऑप्टिकल फाइबर बिछाती है, डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ती है, जब सरकार गरीबों के करोड़ों घर बनाती है, मेडिकल कॉलेज बनवाती है, सामान्य मानवी से लेकर व्यापार-कारोबार करने वालों तक, छोटी दुकान लगाने वालों से लेकर बड़ी इंडस्ट्री तक सभी को बल मिलता है। सीमेंट, सरिया, रेत, बजरी, ऐसे हर सामान के व्यापार से लेकर ट्रांसपोर्ट तक, हर कोई इससे लाभान्वित होता है। इन उद्योगों में अनेक नए रोज़गार बनते हैं। जब दुकान का कारोबार जरा फलता-फूलता है, तो उसमें काम करने वाले भी बढ़ते हैं। यानि जितना अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश होता है, उतना ही अधिक रोज़गार भी बनता है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान भी ऐसा अनेक लोगों को अवसर मिला है।