निर्भया के दोषियों की फांसी तीसरी बार फिर टली


नई दिल्ली. निर्भया केस के दोषियों के सारे विकल्प समाप्त हो चुके थे. लाइफ लाइन से जुड़े हर विकल्प को आजमाए जाने के बावजूद अब कोई रास्ता बचने का नजर नहीं आ रहा था. राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज होने के बाद अब तीन मार्च को दोषियों को होने वाली फांसी का रास्ता लगभग साफ हो चुका था. लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट ने एक बार फिर निर्भया के दोषियों की फांसी टाल दी है.

मौत की पहली तारीख 22 जनवरी 2020 थी, जो बाद में टाल दी गई थी. अगली तारीख 1 फरवरी 2020को तय की गई लेकिन फिर टल गई और इसके बाद एक बार फिर 3 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे फांसी की सजा मुकर्रर की गई थी.लेकिन अब फिर फांसी टाल दी गई.

गौर करने वाली बात यह है कि भारत में आखिरी फांसी जुलाई 2015 में याकूब मेमन को दी गई थी. याकूब मेमन 1993 के मुंबई धमाकों का दोषी था.

यदि बलात्कार के मामले में दी गई आखिरी फांसी की बात करें तो धनंजय चटर्जी को ऐसे मामले में फांसी दी गई थी. 2004 में पश्चिम बंगाल के धनंजय चटर्जी को फांसी के फंदे पर लटकाया गया. चटर्जी पर कोलकाता में एक 15 वर्षीय स्कूली छात्रा के साथ बलात्कार कर हत्या का आरोप था, जिसके बाद 14 अगस्त 2004 को तड़के 4.30 बजे बजे अलीपुर जेल में फांसी पर लटकाया गया. यह मुकदमा 14 साल तक चला था.