ईसीजीसी द्वारा छोटे निर्यातकों के लिए 90 प्रतिशत तक निर्यात ऋण जोखिम को कवर करने के लिए नई बीमा योजना शुरू 


नई दिल्ली। ईसीजीसी ने 'बैंकों के लिए निर्यात ऋण बीमा' (संपूर्ण टर्नओवर पैकेजिंग क्रेडिट और पोस्ट शिपमेंट) (ईसीआईबी-डब्ल्यूटीपीसी, पीएस) के तहत छोटे निर्यातकों को समर्थन देने के लिए 90 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ निर्यात ऋण जोखिम बीमा कवर प्रदान करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना से ईसीजीसी डब्ल्यूटी-ईसीआईबी कवर रखने वाले बैंकों से निर्यात ऋण पाने वाले कई छोटे स्तर के निर्यातकों को लाभ होने की उम्मीद है। इसके कारण छोटे निर्यातक नए बाजारों/नए खरीदारों का पता लगा सकेंगे और बहुत प्रतिस्पर्धात्मक ढंग से अपने मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता ला सकेंगे।

आज मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ईसीजीसी के अध्यक्ष एम. सेंथिलनाथन ने कहा, "हमें उम्मीद है कि बीमा कवर एक बहुत बड़ी तब्दीली लाने वाली भूमिका निभाएगा। हमें उम्मीद है कि इससे 20 करोड़ रुपये तक के खातों का प्रतिशत बढ़ जाएगा। जिससे ईसीजीसी पोर्टफोलियो को और स्थिरता मिलेगी।” उन्होंने आगे कहा, "बैंकों को 90 प्रतिशत कवर देकर हमें उम्मीद है कि और ज्यादा छोटी कंपनियां बैंकों से निर्यात ऋण प्राप्त करेंगी, जिससे इन उद्योगों को बहुत लाभ होगा। हमें उम्मीद है कि बैंक और रियायतें देंगे। इसका कुल असर ये होगा कि निर्यातकों को लाभ होगा, जिसमें ब्याज दर में कमी होना भी शामिल है।”

वाणिज्य मंत्रालय और मंत्री पीयूष गोयल को धन्यवाद देते हुए ईसीजीसी के अध्यक्ष ने कहा, “सरकार ने हाल के वर्षों में पर्याप्त पूंजी निवेश के साथ हमारा समर्थन किया है। इस वजह से और निर्यातकों के लिए अपने कवर को और अधिक उपयोगी बनाने की जरूरत के चलते हमने आज इस निर्णय की घोषणा की है।"

भारत सरकार की इस प्रमुख निर्यात क्रेडिट एजेंसी द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में बात करते हुए श्री सेंथिलनाथन ने कहा, "ईसीजीसी जैसे संगठनों द्वारा निभाई गई प्रतिचक्रीय भूमिका दरअसल किसी अग्निशमन कर्मी की भूमिका के समान है, जब क्रेडिट मुश्किल हालत में होता है तो क्रेडिट बीमा एजेंसियां ​​​​बाजार को स्थिर करने के लिए आगे आती हैं। "

सेंथिलनाथन ने आगे कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर बाजार को स्थिर करने के लिए सभी सरकारों ने विभिन्न उपाय किए। इस वजह से ईसीजीसी ने निर्यातकों को दिए गए कवर को वापस नहीं लिया। उम्मीदों के उलट दुनिया भर में निर्यात ऋण बीमा एजेंसियों ने औसत दावा अनुपात देखे हैं, ऊंचे अनुपात नहीं।