उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी की उपस्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन के बीच एमओयू हुआ साइन


जयपुर। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी की उपस्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल तथा चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीआईएफएफ) (यू के) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, इंडिया, मंजुला सिंह के मध्य सोमवार को सचिवालय में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। प्रदेश में सीआईएफएफ इस एमओयू के तहत अगले पांच साल में महिला एवं बाल विकास विभाग सहित विभिन्न विभागों के साथ मिलकर 350 करोड़ रूपये का बजट खर्च करेगा। जिसमें किशोरियों, महिलाओं और बच्चों के पोषण में सुधार के लिए कार्य किए जाएंगे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं, बच्चों और किशोरी बालिकाओं के समुचित विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने सीआईएफएफ के प्रतिनिधियों को कहा कि इसके लिए सीआईएफएफ ब्लॉक स्तर पर अपनी टीम को और क्रियाशील करें ताकि धरातल पर अच्छा परिणाम दिखे। उन्होंने कहा कि सीआईएफएफ प्रदेशभर में पोषण गुणवत्ता पर निगरानी कर, अपना फीड बैक भी दे ताकि बेहतर सुधार किए जा सके। इसके साथ उन्होंने सीआईएफएफ प्रतिनिधियों से कहा कि वे पोषाहार की रेसिपी में किसी प्रकार की बदलाव की आवश्यकता हो तो वह भी फील्ड में फीडबैक लेकर अवगत करवाए।

शासन सचिव ने बताया कि इस एमओयू के तहत सीआईएफएफ महिला एवं बाल विकास के साथ मिलकर किशोरियों, महिलाओं और बच्चों के पोषण में सुधार के लिए कार्यक्रमों को विकसित और सक्षम बनाने के लिए कार्य करेगा। इसी प्रकार सीआईएफएफ साक्ष्य अभाव की पहचान कर, उन्हें पूरा करना और विभाग के साथ समन्वय कर नए साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण की व्यवहारिकता स्थापित करने का कार्य किया जाएगा।

 कुणाल ने यह भी बताया कि सीआईएफएफ सरकारी योजनाओं की गुणवत्ता और कवरेज में सुधार के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध करवायेगा। सीआईएफएफ लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक मानदंडों में बदलाव के दृष्टिकोण से कार्य करेगा। शासन सचिव ने बताया कि राजस्थान सरकार अपने विभिन्न विभागों के माध्यम से इस एमओयू के तहत प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों के लिए कार्यान्वयन/कार्य योजनाओं की योजना के विकास में सीआईएफएफ को इनपुट प्रदान करेगी, जिस पर सीआईएफएफ कार्यान्वयन भागीदारों के साथ काम करेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में 2015 में 7 साल के लिए एमओयू साइन किया गया था जिसे फिर से 5 साल के लिए आगे बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है।