खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने खादी से जुड़े श्रमिकों का पारिश्रमिक बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया


नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग की 694वीं बैठक श्री मनोज कुमार की अध्यक्षता में 30 जनवरी, 2023 को गुजरात के कच्छ में आयोजित हुई। इस दौरान, हमारे गतिशील प्रधानमंत्री की प्रेरणा और खादी कपास-बुनकरों के योगदान को ध्यान में रखते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने श्रमिकों की आय में बढ़ोतरी के लिए उनका मेहनताना 7.50 रुपये प्रति लच्छे से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लच्छा करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस पहल से कारीगरों की मासिक आय में लगभग 33% की वृद्धि होगी और बुनकरों की मजदूरी में 10% की वृद्धि होगी। यह फैसला पहली अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लगातार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खादी तथा ग्रामोद्योग उत्पादों को खरीदने के लिए अपील कर रहे हैं ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति को अधिक से अधिक कार्य करने का अवसर दिया जा सके और उनकी आय में वृद्धि हो सके। इस तरह के प्रयासों के परिणामस्वरूप हमारे कारीगरों के हाथ में अधिक आमदनी होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम "मन की बात" के माध्यम से खादी को खरीदने के लिए देशवासियों से कई बार अपील की है। उन्होंने "विशेष रूप से युवाओं" को इस पहल में आगे आने का आह्वान किया है। इसके सकारात्मक असर से साल दर साल खादी उत्पादों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। प्रधानमंत्री ने खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए बार-बार "खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन एंड खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन" के आदर्श वाक्य के साथ खादी को अपनाने तथा उत्पादन एवं बिक्री बढ़ाने के हर संभव प्रयास की सराहना की है। इस अवसर पर केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन 84,290 करोड़ का और बिक्री 1,15,415 करोड़ की हुई थी। इस साल 2 अक्टूबर को खादी इंडिया के कनॉट प्लेस बिक्री केंद्र ने एक ही दिन में 1.34 करोड़ रुपये की खादी उत्पाद बेचने का नया रिकॉर्ड बनाया है। जिसका श्रेय हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की जनता को खादी खरीदने के लिए किए गए आह्वान को जाता है। इसके अलावा खादी उत्पादन एवं विक्रय कार्य में लगे लाखों कारीगरों और अथक परिश्रम खादी श्रमिकों की भी इस कार्य में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।