370 का खात्मा, अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान से की शांति एवं संयम की अपील



वाशिंगटन. कश्मीर मसले पर दुनियाभर की नजरें हैं. लोग भारत की उभरती ताकत से परेशान हैं तो मोदी के इस बोल्ड डिसीजन ने भी सबकों चौंका दिया है. चीन की चिंता कम नहीं हो पा रही है, वहीं अब अमेरिका ने कहा है कि कश्मीर पर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है और उसने भारत तथा पाकिस्तान से शांति एवं संयम बरतने का आह्वान किया।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और दोनों देशों को ही इस मुद्दे पर बातचीत की गति और गुंजाइश को लेकर फैसला करना है।
अगर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव हुआ तो निश्चित तौर पर मैं इसकी घोषणा करुंगी लेकिन ऐसा नहीं है।
अमेरिका कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन करता है। हमने सभी पक्षों से शांति एवं संयम बरतने का आह्वान किया है। हम शांति एवं स्थिरता चाहते हैं और हम जाहिर तौर पर कश्मीर तथा अन्य संबंधित मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करते हैं। 

भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हाल में हटा दिया गया है और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया।

ओर्टागस ने कहा कि अमेरिका दोनों दक्षिण एशियाई देशों के साथ निकटता से काम कर रहा है। 
अभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान यहां आए थे लेकिन सिर्फ कश्मीर की वजह से नहीं। यह निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण मुद्दा है और हम इस पर करीबी नजर रख रहे हैं। हमने कई मुद्दों पर भारत के साथ निकटता से काम किया और हमने पाकिस्तान के साथ भी निकटता से काम किया। अमेरिका जम्मू कश्मीर में स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।
कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों संबंधी एक सवाल के जवाब में ओर्टागस ने कहा, ‘हमने जो बात कही, मैं वास्तव में उससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती।’
ओर्टागस ने पहले के बयानों को दोहराया कि भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त करने के बारे में अमेरिका से सलाह नहीं ली और उसे सूचित नहीं किया।