वर्ष 2021-2022 में कुल 8.68 करोड़ आभूषणों पर हॉलमार्क लगाये गए


नई दिल्ली। आभूषण निर्माताओं का पंजीकरण निशुल्क और आजीवन के लिए वैध बना दिया गया है।
हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) आधारित हॉलमार्किंग पोर्टल 01 जुलाई 2021 को लॉन्च किया गया था, जिसमें परख और हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) की संपूर्ण कार्य प्रक्रिया स्वचालित और ऑनलाइन कर दी गयी है।
मान्यता प्राप्त एएचसी की संख्या भी 01 जुलाई 2021 के 948 से बढ़कर 31 जुलाई 2022 को 1,220 हो गई है।
बीआईएस केयर ऐप में 24 दिसंबर 2021 से सत्यापन शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से एचयूआईडी नंबर के साथ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की जांच करने और इन्हें प्रमाणित करने का प्रावधान किया गया है।
एक आम उपभोक्ता के लिएय बीआईएस से मान्यता प्राप्त किसी भी एएचसी मय बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की शुद्धता के परीक्षण की सुविधा 01 जनवरी 2022 से शुरू की गयी है। एएचसी प्राथमिकता के आधार पर आम उपभोक्ताओं से सोने के आभूषणों का परीक्षण करेगा और उपभोक्ता को एक परीक्षण रिपोर्ट प्रदान करेगा। उपभोक्ता को जारी की गई परीक्षण रिपोर्ट उपभोक्ता को उनके आभूषणों की शुद्धता के बारे में आश्वस्त करेगी और यदि उपभोक्ता अपने पास उपलब्ध आभूषणों को बेचना चाहता है तो यह जानकारी उपयोगी सिद्ध होगी।
बीआईएस वेबसाइट के होम पेज परय उपभोक्ता के सोने के आभूषणों के परीक्षण संबंधी विस्तृत दिशा निर्देश और मान्यता प्राप्त परख तथा हॉलमार्क केंद्रों की सूची की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

मौजूदा एएचसी द्वारा अपनी पहुंच बढ़ाने और ज्वैलर्स तथा उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ऑफ साइट सेंटर स्थापित करने संबंधी योजना 01 जनवरी 2022 को शुरू की गई थी। 31 जुलाई 2022 तक 08 ओएससी स्थापित किए गए हैं।

भारत सरकार ने उपभोक्ताओं की सुरक्षा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सोने के आभूषणों और कलाकृतियों में हॉलमार्क को अनिवार्य बनाने का निर्णय लियाए क्योंकि सोना बहुत नरम होता है एवं टूट.फूट को सहन नहीं कर पाता हैए इसलिए आभूषण बनाने में सोने को हमेशा किसी अन्य धातु के साथ मिश्रित किया जाता है। सोने में धातु को मिश्र करने की प्रक्रिया के कारण लोगों को अत्यधिक मिलावट का सामना करना पड़ता है और तकनीकी परीक्षण किए बिना सोने में मिलावट का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। आम उपभोक्ता हालांकि इस तरह की प्रथाओं से अच्छी तरह वाकिफ हैंए फिर भी उनके पास व्यापारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों पर निर्भर रहने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता है।

बीआईएस की हॉलमार्किंग योजना के तहत जौहरियों को हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने के लिए पंजीकरण दिया जाता है और परीक्षण के दौरान प्राप्त शुद्धता के आधार पर आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए परख व हॉलमार्किंग केंद्रों को मान्यता प्रदान की जाती है। हॉलमार्कय उपभोक्ताओं को अर्थात् आभूषण खरीदारों को तीसरे पक्ष का आश्वासन और संतुष्टि प्रदान करता है कि उन्हें सोने या चांदी की सही शुद्धता मिल रही है।

हॉलमार्क को अनिवार्य करने का निर्णय दो चरणों में लागू किया गया था.

पहला चरण हॉलमार्क को अनिवार्य करने के निर्णय के पहले चरण को सोने के आभूषण और सोने का हॉलमार्क आदेशए 2022 के द्वारा सफलतापूर्वक लागू किया गयाए जो 23 जून 2021 से प्रभावी हुआ था। 

दूसरा चरणरू हॉलमार्क को अनिवार्य करने के निर्णय का दूसरा चरण सोने के आभूषण और सोने का हॉलमार्क (संशोधन आदेश) 2022 दिनांक 04 अप्रैल 2022 के माध्यम से लागू किया गया था जो 01 जून 2022 से प्रभावी हुआ।

अनिवार्य हॉलमार्क आदेश के पहले चरण के कार्यान्वयन के बादए दूसरे चरण में अनिवार्य हॉलमार्क व्यवस्था के तहत अतिरिक्त 32 जिलों को शामिल किया गया है जिनमें परख और हॉलमार्क केंद्र स्थापित किये गए हैं। 288 जिलों की सूची बीआईएस की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आने वाले समय में अनिवार्य हॉलमार्क आदेश के तहत और जिलों को शामिल किए जाने की संभावना है।