'56 भोग फूड फेस्टिवल' में एक ही परिसर में लिया जा सकेगा सैंकड़ों मशहूर व्यंजनों का जायका


जयपुर। नसीराबाद के कचोड़े, पुष्कर के मालपुए, गंगापुर के खीरमोहन, दौसा के डोवठे, कोटा की कोटा कचोरी, भुसावर का अचार, चिड़ावा का पेड़ा, अलवर का कलाकंद, पाली का गुलाब हलवा, बीकानेर की भुजिया, जोधपुर के मिर्च बड़े, प्रतापगढ़ का आम पापड़ जैसे विशेष व्यंजनों का जायका आमजन को एक ही परिसर में उपलब्ध कराने के लिए उद्योग विभाग 9 से 12 दिसंबर को 56 भोग फूड फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है।

उद्योग आयुक्त महेंद्र पारख ने सोमवार को उद्योग भवन में आयोजित वीडियो कॉन्फेसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिलों महाप्रबंधकों और संबंधित अधिकारियों से बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आगामी 9 से 12 दिसंबर तक राजस्थान हाट, जल महल में चलने वाले इस फेस्टिवल में प्रदेश के सभी जिलों के मशहूर खाद्य उत्पाद, मसाले, मिठाई और रसोई से संबंधित बर्तनों से संबधित स्टालें लगाई जाएंगी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के व्यजनों, मसालों की उत्कृष्टता एवं क्षेत्रीय विविधता से स्थानीय और पर्यटकों को रूबरू करवाने के लिए यह विशेष आयोजन रखा जा रहा है। पारख ने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों से बेहतरीन व्यजनों को चयनित कर आगंतुकों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उद्यम प्रोत्साहन संस्थान और उद्योग विभाग की ओर आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में लगभग 100 स्टालें लगाई जाएंगी। 

उन्होंने कहा कि विभाग का उद्देश्य जिलों में चल रहे व्यंजनों को बेहतर मंच उपलब्ध कराना और उनकी ख्याति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है। इनके अलावा फेस्टिवल की भव्यता के लिए मुंबई का बड़ा पाव, गुजरात का खम्मन ढोकला सहित अन्य पड़ोसी राज्यों के भी व्यंजनों को लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उद्योग आयुक्त ने बताया कि राजस्थान के मसाले देश विदेश में प्रसिद्ध हैं। उत्सव में साबुत एवं पिसे हुए मसालों के अतिरिक्त इनके पेस्ट एवं प्रोसेस्ड पैकेज भी उपलब्ध होंगे। मसालों के साथ साथ रसोई की और तमाम चीजें जैसे अचार मुरब्बे, सॉस, पापड़ बड़ी, खाखरे, पाचक चूर्ण चटनी, केर सांगरी, काचरी जैसी सूखी परम्परागत सब्जियां, नागौरी मेथी आदि रखी जाएंगी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ऐसे फूड फेस्टिवल प्रति वर्ष लगाने की है ताकि लोगों को स्तरीय जायके के साथ उत्पादकों को बेहतर ग्राहक मिल सकें।