अब यूनिक ID में होगी आपके स्वास्थ्य की कुंडली, स्वाधीनता दिवस पर डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च, जानें इसकी 10 बड़ी बातें


नई दिल्ली. भारत में स्वास्थ्य सुधार की दिशा में निए नए प्रयास किए जा रहे हैं. आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए सरकार और गैर सरकारी स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में क्योंकि अब युग डिजिटल क्रांति का है तो भारत सरकार ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च कर दिया है. इस योजना में हर भारतवासी को एक हेल्थ आईडी जारी की जाएगी ओर इस आईडी में हर नागरिक के स्वास्थ्य का पूरा लेखा-जोखा होगा. यानी आपके स्वास्थ्य की कुंडली डिजिटल हो जाएगी.

यह भी पढ़ें: रूस ने कर दिया यह गजब कमाल!

इसमें प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य, बीमारी, डॉक्टर का लेखा-जोखा डिजिटलाइज्ड होगा जो पूरी तरह से एक एप और वेबसाइट के मार्फत संचालित होगा. पर आपकी निजता का ध्यान रखते हुए ये रिकॉर्ड्स आप तक की सीमित रहेंगे. डाटा प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाएगा. बिना आपकी अनुमति के कोई अन्य व्यक्ति या डॉक्टर आपके रिकॉर्ड की जानकारी नहीं देख पाएगा. स्वतंत्रता दिवस के मुक्कदस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से इस योजना का ऐलान किया.

TEN (10) बड़ी बातें:


1- हर नागरिक को एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जाएगी और विकल्प दिया जाएगा कि वो उसे अपने आधार से लिंक करवाए या नहीं. ये आईडी राज्यों, अस्पतालों, पैथालॉजिकल लैब और फार्मा कंपनियों में उपलब्ध होगी. ये आईडी पूरी तरह से स्वैच्छिक तरीके से काम करेगी. 


2- आईडी में नागरिक का जो भी लेखा-जोखा होगा वो, खुद से सरकारी कम्यूनिटी क्लाउड में स्टोर हो जाएगा. ऐसा डाटा को सुरक्षित करने की दृष्टि से किया जाएगा. ये एक तरह से डिजिलॉकर की तरह काम करेगा, जिसमें सभी जरूरी कागज इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में जमा हो जाते हैं. 


3- अगर कोई व्यक्ति किसी तरह का कैश ट्रांसफर स्कीम का लाभ उठाना चाहता है तो ही उसे अपनी हेल्थ आईडी को आधार कार्ड से लिंक करना होगा और अगर ऐसा नहीं है तो आधार कार्ड से लिंक करने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी.


4- डॉक्टर को भी इस प्लेटफॉर्म के जरिए एक यूनिक पहचानकर्ता नम्बर दिया जाएगा जो उनके रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग होगा. रजिस्ट्रेशन नंबर राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद की ओर से हर डॉक्टर को दिया जाएगा.


5- डॉक्टर को डिजिटल हस्ताक्षर की सुविधा दी जाएगी. इसकी मदद से वो मरीजों को प्रिसक्रिप्शन लिखेंगे. हालांकि भारत में डिजिटल हस्ताक्षर बनाने के लिए फीस देनी होती है लेकिन इस सेवा के लिए ना ही यूजर को और ना ही डॉक्टर को कोई भुगतान करना होगा.


6- स्वास्थ्य सुविधा पहचानकर्ता डॉक्टर और मरीज की तरह ही हर स्वास्थ्य सुविधा जो एक यूनिक इलेक्ट्रॉनिक पहचान दी जाएगी. ये सुनिश्तित करेगा कि सभी सुविधाएं अप्रयुक्त रूप से मैप की गई है और अपने पहचानकर्ता सुविधा के जरिए अपने सभी क्लीयरेंस और ऑडिट के लिए इस्तेमाल की जाएगी.


7- नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत हर नागरिक को एक छतरी के नीचे लाने की तैयारी की जाएगी.


8- निजी स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स में नागरिक की सारी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों सम्मिलित होंगी. इसमें जन्म से लेकर प्रतिरक्षा, सर्जरी, प्रयोगशाला टेस्ट तक सारी जानकारी होंगी. इसे हर नागरिक की हेल्थ आईडी से लिंक किया जाएगा. इस निजी हेल्थ रिकॉर्ड इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसमें अपने डाटा का स्वामित्व किसी व्यक्ति के पास ही होगा.  इस रिकॉर्ड के जरिए एक कंसेट मैनेजर काम करेगा, जिसके तहत अगर कोई डॉक्टर भी डाटा या मरीज की रिपोर्ट देखना चाहेगा तो शख्स के पास संदेश आएगा कि डॉक्टर रिपोर्ट देखना चाह रहा है और कितने समय तक डॉक्टर रिपोर्ट देख सकता है.  यही इस एप का सबसे बड़ा फायदा है कि अगर शख्स या मरीज की सहमति नहीं होगी तो सरकार भी उसका डाटा देख नहीं पाएगा.


9- इस योजना का मकसद भारत में लोगों की जीवन प्रत्याशा को बढाना, उन्हें खुशहाल जीवन देने के साथ देश को स्वस्थ भारत की दिशा में अग्रसर करना है.


10- हालांकि बड़ी बात यह है कि अभी इसे अनिवार्य करने की योजना नहीं है. जिसका अर्थ साफ है कि यह आप पर निर्भर है कि इससे जुड़ रहे हैं या नहीं. पर माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में योजना से जुड़ना अनिवार्य हो जाएगा.