Oh my Gold... सोने की मांग में 36% की कमी, 11 साल के सबसे निचले स्तर पर ज्वैलरी की मांग


मुम्बई.कोरोना और लॉकडाउन के चलते सोने की चमक फीकी पड़ गई है. सोने में निवेश और मांग दोनों में भारी कमी आई है. जनवरी से मार्च तिमाही में सोने की मांग में गिरावट के चलते सोने की मांग में 36 फीसदी की भारी कमी आई वहीं ज्वैलरी की मांग 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. जनवरी-मार्च की तिमाही में सोने की मांग घटकर 102 टन ही रह गई.

वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल (WGC) की रिपार्ट के मुताबिक जनवरी से मार्च के दौरान ज्वैलरी की मांग में 41 फीसदी की जबरदस्त गिरावट आई है. सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी, आर्थिक अनिश्चितताओं, उठापटक, कोरोना और लॉकडाउन के कारण पहली तिमाही में सोने की मांग घटकर 102 टन रह गई. माना जा रहा है दूसरी तिमाही में सोने की मांग और निवेश के हिसाब से हालत और बिगड़ेंगे.

वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक जनवरी से मार्च के दौरान ज्वैलरी की मांग में भी भारी कमी आई और यह 41 फीसदी की जबरदस्त गिरावट के साथ 11 साल के निचले स्तर 73.9 टन पर पहुंच गई.

WGC India के मैनेजिंग डायरेक्‍टर सोमसुंदरम ने कहा कि इस साल की पहली तिमाही के दौरान सोने की कीमतों में 25 फीसदी का उछाल आया और इसकी औसत कीमत 36,875 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई. इसमें कस्‍टम ड्यूटी और टैक्‍स को नहीं जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि 2019 की समान अवधि में सोने की औसत कीमत 29,555 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. सोने में निवेश की बात करें तो मांग 17% गिरकर 28.1 टन ही रही.

इस तरह मार्च तिमाही के दौरान कुल सोने की मांग महज 102 टन रही, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 159 टन थी. इस दौरान वैश्विक गोल्ड डिमांड सिर्फ 1% बढ़कर 1,083.8 टन पहुंची. मूल्‍य के हिसाब से पहली तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग 20 फीसदी घटकर 37,580 करोड़ रुपये की रही जो 2019 की इसी अवधि में 47,000 करोड़ रुपये थी.

बहरहाल दुनियाभर में आर्थिक मंदी, लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच ना केवल सोने में निवेश कमजोर हुआ है बल्कि आभूषणों की खरीद भी काफी कम हो गई है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा सोने की चमक अब फिर कब लौटती है.