यह हैं भारत के टॉप-10 (TEN) मिलावटखोर राज्य, जहां जाएं तो कुछ भी खाने से पहले सावधान!


नई दिल्ली (विपुल शर्मा). मिलावटखोर निर्दयी हेवान होता है, उसको यह नहीं पता कि किसी न किसी रुप में वह खुद भी उपभोक्ता है. बावजूद इसके कोई दूध में सिंथेटिक क्रीम, यूरिया या डिटर्जेंट पाउडर, सरसों के तेल में आर्जीमोन, हल्दी में डाई के काम आने वाला पीला तो मिर्च में लाल रंग, चाय में चमडे या लौहे का बुरादा मिला रहा है तो कोई सिंथेटिक मावा और सिंथेटिक पनीर, प्लास्टिक के चावल, नकली सिंथेटिक केसर बाजार में बेच रहा है. जिससे हर वक्त इंसानी शरीर में हृदय संबन्धित रोग, कैंसर, अलसर, ब्रेन हैमरेज, आंखों की रोशनी चले जाना, बालों का झड़ना, समय से पहले बुढापा, लीवर खराब होना, कुष्ठ रोग जैसी बीमारियां पैदा हो रही हैं. लेड क्रोमेट, सॉफ्ट स्टोन पाउडर, टेलकम पाउडर, किटनाशक तक अपनी अंधी कमाई के लिए मिलाने से नहीं चूक रहा. मिठाइयां मीठा जहर बन चुकी हैं.

यह लगातार मिलावटी खाद्य पदार्थों और असुरक्षित खानपान का ही नतीजा है कि भारत में बांझपन बढ रहा, महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन शक्ति कम हो रही है, नवजात शिशु विभिन्न विकारों के साथ अल्प विकसित अंग वाले बच्चे पैदा हो रहे हैं. नपुंसकता बढ रही है, मानसिक तनाव बढा रहा है. इसलिए समय रहते अपने खानपान को सुरक्षित करने की जरुरत है ताकि स्वस्थ जीवन जिया जा सके.

इस बीच आपके लिए सबसे चौंका देने वाली खबर यह है कि अनसेफ फूड के मामले में भारत के तमिलनाडु, असम, दिल्ली, राजस्थान, यूपी, झारखंड, केरल देश में टॉप टेन मिलावटखोरी में अव्वल राज्य हैं. राजस्थान 9वें नंबर पर है तमिलनाडू, असम, झारखंड पहले, दूसरे और तीसरे नम्बर पर हैं.

मिलावटखोरी के इस खेल का यह खुलासा फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नई दिल्ली की ओर से जारी 2018-19 की रिपोर्ट में हुआ है. टॉप-10 (TEN) में बात सबसे असुरक्षित और मिलावट वाले राज्य तमिलनाडु की करें तो यहां देश में सबसे ज्यादा 12.7 फीसदी खाद्य पदार्थ असुरक्षित मिले. 5 हजार 730 नमूनों में 728 असुरक्षित थे. 813 नमूने निम्न स्तर के थे. असम में 8.9, झारखंड में 8.8, ओडिशा में 6.7, यूपी में 6.2, महाराष्ट्र में 5.9 फीसदी खाद्य पदार्थ जांच के दौरान मिलावटी पाए गए. उधर केलर में 4.6, दिल्ली में 3.9, राजस्थान में 3.6, हरियाणा में 3.2 फीसदी खाद्य पदार्थ मिलावटी और अनसेफ गए.

 

टॉप-10 (TEN) मिलावटखोर राज्य

 

1- तमिलनाडू

2- असम

3- झारखंड

4- ओडिशा

5- यूपी

6- महाराष्ट्र

7- केरल

8- दिल्ली

9- राजस्थान

10- हरियाणा

 

सबसे कम मिलावट वाले राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम शुद्धता के मामले में अव्वल रहे. उतराखंड, मणिपुर, नगालैंड और सिक्किम के खाद्य नमूनों में कोई असुरक्षित नहीं मिला. हालांकि कुछ जगह गुणवत्ता निम्न स्तर की थी. अरुणाचल के 0.3%, गोवा के 0.4%, गुजरात के 0.5%, एमपी के 0.6%, पंजाब के 0.8% और चंडीगढ़ के 1% नमूने असुरक्षित पाए गए.

 

टॉप-10 (TEN) शुद्धता वाले राज्य

 

1- उत्तराखंड

2- मणिपुर

3- नगालैंड

4- सिक्किम

5- अरुणाचल

6- गोवा

7- गुजरात

8- एमपी

9- पंजाब

10- चंडीगढ़

 

FSSAI क्या है?

 

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India की स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत की गई. इसका उद्देश्य खाद्य सामग्री के लिये विज्ञान पर आधारित मानकों का निर्माण करना और खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, बिक्री के साथ आयात आदि को नियन्त्रित करना है ताकि मानव-उपभोग के लिये सुरक्षित तथा सम्पूर्ण आहार की उपलब्धि सुनिश्चित की जा सके.