नई दिल्ली. देशभर में खाद्य तेलों की बढती कीमतों के बीच बडी राहत की खबर है. देशभर में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का रूझान देखने को मिल रहा है. सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन के तेल और कच्चे सूर्यमुखी के तेल पर बेसिक ड्यूटी 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी है. वहीं खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पाम तेल, सूरजमुखी के तेल और सोयाबीन के तेल पर आयात शुल्क को तर्कसंगत बनाया है. सरकार का दावा है कि देशभर के प्रमुख खुदरा बाजारों में खाद्य तेल की कीमतों में 5-20 रुपए प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है. सरकार द्वारा आयात शुल्क में कटौती के साथ जो अन्य उपाय किए गए हैं, उनसे खाद्य तेलों के दाम नीचे आए हैं.
खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि ब्रांडेड तेल कंपनियों ने भी नए स्टॉक के लिए दरों में संशोधन किया है. घरेलू खाद्य तेल की कीमतें वैश्विक कीमतों के अनुरूप बढ़ी हैं. इंडोनेशिया, ब्राजील और अन्य देशों में जैव ईंधन के लिए खाद्य तेलों को उपयोग में लाने (डायवर्जन करने) के बाद खाद्य तेलों की उपलब्धता कम हुई है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने थोक कीमतों में 4-7 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है.
खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ने पाम तेल, सूरजमुखी के तेल और सोयाबीन के तेल पर आयात शुल्क को तर्कसंगत बनाया है। एनसीडीईएक्स पर सरसों के तेल में वायदा कारोबार को निलंबित कर दिया गया है और भंडारण (स्टॉक) की सीमा लागू कर दी गई है।
अडानी विलमर और रुचि इंडस्ट्रीज सहित प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने थोक कीमतों में 4 -7 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। कीमतों में यह कटौती त्योहारों के मौसम में उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से की गई है।
जिन अन्य कंपनियों ने खाद्य तेलों के थोक मूल्यों में कमी की है, उनमें जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया, हैदराबाद; मोदी नेचुरल्स, दिल्ली; गोकुल री-फॉयल्स एंड सॉल्वेंट, विजय सॉल्वेक्स, गोकुल एग्रो रिसोर्सेज और एन.के. प्रोटीन्स प्रमुख हैं।
अंतर्राष्ट्रीय जिन्सों की कीमतें अधिक होने के बावजूद,केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी के साथ किए गए उपायों के कारण खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आई है।
खाद्य तेल की कीमतें एक साल पहले की अवधि की तुलना में अधिक हैं, लेकिन अक्टूबर के बाद से इसमें गिरावट का रूझान है। सरकार आयात पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से द्वितीयक खाद्य तेलों, विशेष रूप से चावल की भूसी के तेल के उत्पादन में सुधार लाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
31/10/2021 की तुलना में 03/11/2021 को खुदरा कीमतें (इकाई: रुपये/किलोग्राम)
पाम तेल में गिरावट
मूंगफली के तेल में गिरावट
सोयाबीन के तेल में गिरावट
सूरजमुखी के तेल में गिरावट