मरूस्थलीय भूमि उगल रही है सोना, बाड़मेर बन रहा 'राजस्थान का कुवैत'  


जयपुर. मरूस्थली भूमि राजस्थान में सोना उगलना शुरूआत हो चुकी है। अंतरारष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में आए उछाल से यहां उत्पादित तेल ने राज्य व केन्द्र के राजस्व को बढ़ा दिया है। बाड़मेर से 1.65 लाख बैरल तेल उत्पादित हो रहा है और गत वर्ष अप्रेल माह में जहां क्रूड का दाम नीचे गिरकर करीब 20 डॉलर प्रति बैरल आ गया था, अब वह करीब 70 डॉलर प्रति बैरल को छू रहा है। वर्ष 2020 का सालाना औसत भी 39.68 डॉलर प्रति बैरल था जो अब 2021 मेंं 61.09 तक आ गया है और राज्य सरकार को प्रतिदिन 10 करोड़ रुपये का राजस्व मिल रहा है। 

प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना की द्वितीय लहर ने रिफाइनरी के कार्य की गतिशीलता को कम कर दिया था। ऑक्सीजन की आपूर्ति कोविड मरीजों के लिए होने से करीब 2 माह तक रिफाइनरी का कार्य पूर्णतःबन्द रहा जो अब धीरे-धीरे प्रारम्भ हो रहा है। परियोजना पर निर्माण कार्य के लिए माह जून 2021 तक रुपये 37347 करोड़ के कार्यादेश जारी किये गये जिसमें से रुपये 8041.66 करोड़ का व्यय हो चुका है। 


देश का सबसे बड़ा जमीनी तेल भण्डार 


बाड़मेर में देश का सबसे बड़ा जमीनी तेल भंडार है। गुड़ामालानी इलाके में 10 अरब घन मीटर गैस का भंडार है। वर्ष 2021 में राजस्थान के इस पश्चिमी क्षेत्र की ताकत और बढ़ गई है, क्योंकि प्रदेश का तीसरा गैस प्लांट रागेश्वरी डीप गैस प्लांट तैयार हो चुका है। इससे प्राकृतिक गैस के कुल उत्पादन में वृद्धि हो कर प्रतिदिन 3.8 मिलियन घन मीटर उत्पादन हो रहा है। गुड़ामालानी क्षेत्र में गैस मिलने के बाद वेदांता ने वहां रागेश्वरी गैस टर्मिनल प्लांट बनाया ओर गैस उत्पादन करने लगा। बाड़मेर जिले के पचपदरा गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर 4.813 एकड भूमि पर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है। 

 

राजस्थान का ड्रीम प्रोजेक्ट 


बाड़मेर रिफाइनरी से मार्च 2023 तक व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा अथवा यूं कहें कि तीन साल बाद रिफाइनरी सोना उगलने लगेगी। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी (एच आर आर एल) की सभी इकाइयों के प्रोसेस लाइसेंसर का काम पूरा कर लिया गया है। राज्य सरकार और रिफाइनरी प्रबंधन प्रयास कर रही है कि परियोजना का कार्य निर्धारित समय सीमा अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाएं और मार्च, 2023 तक व्यावसायिक उत्पादन आरंभ कर लिया जाए। 

 

पानी की पाईप लाईन बिछाने का काम पूर्ण 


रिफाइनरी में 9 रिफाइनरी व 4 पेट्रोकेमिकल सहित 13 प्रोसेस इकाइयां स्थापित की जाएंगी जिसकी बेसिक डिजाइन इन्जीनियरिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। क्षेत्र में 42.82 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य व 70 किलोमीटर डे्रनेज निर्माण कार्य पूरा हो गया है। रिफाइनरी साइट पर ही 20950 घनमीटर के जलाशय का निर्माण हो गया और नाचना व टाउनशिप जलाशय का काम प्रगति पर है। आयातित अरब मिक्स क्रूड ऑयल पाइप लाइन तथा प्राकृतिक गैस लाइन बिछाने के सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है और मंगला क्रूड ऑयल एवं नाचना से बागुन्डी तक वाटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। इसी तरह से बाड़मेर क्रूड ऑयल पाइप लाइन बिछाने का कार्य जारी है। बांगूड़ी से रिफाइनरी तक पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम पूर्ण हो चुका है। 

ऑयल इण्डिया बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर में तेल गैस की खोज करेगी, राज्य सरकार द्वारा दो ब्लॉकों के पीईएल जारी किए गए है। क्रूड ऑयल व प्राकृतिक गैस खोज के यह दोनों लाइसेंस केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय की अनुशंसा पर जारी किए गए है। जहां राज्य सरकार ने ऑयल इण्डिया को बीकानेर एवं जोधपुर में 1520.08 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में आरजेओएनएचपी 2019/2 ब्लॉक क्रूड ऑयल एवं प्राकृतिक गैस की खोज के लिए आवंटित किया है वहीं बीकानेर, जैसलमेर क्षेत्र में 1819.48 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में आरजेओएनएचपी 2019/3 ब्लॉक क्रूड ऑयल प्राकृतिक गैस की खोज के लिए आवंटित किया है। दोनों ही स्थानों पर ऑयल इण्डिया द्वारा प्राकृतिक गैस व क्रूड ऑयल की खोज की जाएगी। 

 

मरूस्थल में खुले रोजगार के अवसर 


ऑयल इण्डिया इस क्षेत्र में खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज पर करीब 95 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और करीब 250 लोगों को प्रत्यक्ष व लगभग एक हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से इससे रोजगार मिलेगा तथा उत्पादन प्रारंभ होने पर खनिज तेल पर 12.5 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस के उत्पादन पर 10 प्रतिशत की दर से प्रदेश को राजस्व की प्राप्ति होगी। 

1 लाख 50 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैलाव 


राज्य में पेट्रोलियम बेसिन करीब डेढ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। बाड़मेर-सांचोर बेसिन में बाड़मेर व अंशतः जालौर, जैसलमेर बेसिन में जैसलमेर व अंशतः बीकानेर और बीकानेर,नागौर बेसिन में बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं चुरू आदि का हिस्सा शामिल है। प्रदेश में लगभग 1 लाख 20 हजार से एक लाख 22 हजार बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का और करीब 33 से 35 लाख घनमीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2018-19 से मार्च 2021 तक कुल प्राकृतिक गैस का उत्पादन 1232.75 घनमीटर हुआ है और क्रूड ऑयल का उत्पादन 42.62 मिलियन बैरल हुआ है। 


वर्ष 2018-19 से जून, 2021 तक प्राकृतिक गैस और तेल का उत्पादनः- 

                  प्राकृतिक गैस               क्रूड ऑयल उत्पादन
                (मिलियन घन मीटर)     (मिलियन बैरल)

2018-19        708.94                   50.66
2019-20       1160.92                 47.88
2020-21       1232.75                42.62
2021-22       445.92                  10.91
                                               (जून 2021 तक)

 

वृहत गैस कंपनियां ले रही है भाग 


राज्य में क्रूड ऑयल व प्राकृतिक गैस के दोहन के लिए 13 पेट्रोलियम माइनिंग लीज जारी किए गए है जिसमें ऑयल इंडिया लिमिटेड को 2, ओएनजीसी को 9 व बीपी आरएल के पास 2 लीज जारी किए हुए है और इस पर उत्पादन कार्य हो रहा है। वहीं राज्य में पेट्रोलियम खोज के लिए 14 पेट्रोलियम एक्स फ्लोरेशन जारी कर खोज कार्य किया जा रहा है। इनमें वेदांता को 9, ओएनजीसी को 2 और ऑयल इंडिया को 3 लाइसेंस पहले से ही जारी किये गए है और ऑयल इण्डिया को माह जून 2021 में दो नए ब्लॉको में खोज कार्य के लिए पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस और जारी किए गए है।  

आज मरूस्थली भूमि से सोना उगलना शुरू कर दिया है। बाड़मेर के पचपदरा में निर्माणाधीन राजस्थान रिफाइनरी पूरे राजस्थान और विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र के लोगों का एक बड़ा सपना है, जिसके साकार होने से राज्य का आर्थिक विकास नई बुलंदियों को छुएगा। कोविड की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार इस परियोजना को जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। राजस्थान के विकास की दृष्टि से एचपीसीएल प्रबंधन द्वारा लगातार गहन मॉनिटरिंग कर विकास को नये आयाम दिए जा रहे है। 
: अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान