गहलोत ने PM के सामने उठाया दवाओं और ऑक्सीजन के आवंटन में राज्यों से भेदभाव का मामला


नई दिल्ली/जयपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर प्रदेश से भेदभाव करने का आरोप लगाया।कहा 'देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। तमाम प्रयासों के बावजूद राज्यों से संसाधनों की कमी की शिकायतें आ रही हैं। संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे होकर पूरा मुल्क एकजुटता की मिसाल पेश करे। कोविड के बेहतर प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार जीवन रक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ऑक्सीजन, दवाओं एवं अन्य संसाधनों की योजनाबद्ध एवं न्यायसंगत आपूर्ति सुनिश्चित करे। सभी राज्यों को एक्टिव केसेज के आधार पर ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर दवा का आवंटन किया जाना चाहिए। राजस्थान को 21 अप्रेल, 2021 को तात्कालिक आवंटन में मात्र 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए, जबकि गुजरात एवं मध्यप्रदेश को राजस्थान से कम एक्टिव केसेज होने के बावजूद क्रमशः 1 लाख 63 हजार तथा 92 हजार 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए हैं। इसी प्रकार ऑक्सीजन के आवंटन में भी एक्टिव केसेज के अनुपात का ध्यान नहीं रखा गया। भविष्य में इनकी आपूर्ति तर्कसंगत तरीके से हो ताकि किसी भी राज्य को कोविड रोगियों के उपचार को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।'

गहलोत ने कहा कि 'कोविड रोगियों के उपचार के दौरान की जाने वाली सहायक जांचें यथा आईएल-6, डी-डाइमर, फेरिटिन टेस्ट आदि की किट की भी धीरे-धीरे कमी होने लगी है। केंद्र सरकार इन किट्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में भी योजना बनाए, ताकि समय रहते राज्यों को इनकी सुचारू आपूर्ति हो सके।'

गहलोत ने 18 आयु वर्ग से अधिक वालों को भी एक बार फिर निशुल्क वैक्सीन लगाने का मुद्दा उठाया। कहा '18 वर्ष से अधिक के लोगों का भी केंद्र सरकार निःशुल्क टीकाकरण करवाए। केंद्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष एवं अब 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए एक ही नीति अपनानी चाहिये। राज्यों में सभी आयु वर्ग के लोगों को एक ही मेडिकल स्टाफ वैक्सीन लगाएगा। यह उचित नहीं होगा कि युवाओं से पैसे लिए जाएं और बाकी को निःशुल्क वैक्सीन लगाई जाए।'

गहलोत बोले कि भारत सरकार ने मुफ्त वैक्सीन के लिए बजट में 35 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया है, इसे देखते हुए राज्यों ने बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा है। अब अगर राज्यों को वैक्सीन का वित्तीय भार वहन करना पड़ता है तो उन्हें सामाजिक सुरक्षा तथा विकास कार्यों के लिए निर्धारित बजट में कटौती करनी पडे़गी। एक ही देश में वैक्सीन की अलग-अलग दरें भी उचित नहीं हैं। केंद्र सरकार को इस पर विचार कर निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवानी चाहिए।'

बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया एवं शासन सचिव चिकित्सा सिद्धार्थ महाजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।