आगरा में आसमान में आग का गोला बना एयरफोर्स का लड़ाकू विमान, जलते हुए खेत में गिरा; पायलटों ने आखिरी पलों में छलांग लगाकर बचाई जान


उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सेना का एक लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो गया, जिससे स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। यह हादसा आगरा के कागारौल-सोनिगा गांव के पास एक खाली खेत में हुआ, जहां विमान जमीन पर गिरते ही उसमें आग लग गई। विमान में मौजूद दोनों पायलटों ने सतर्कता दिखाते हुए समय रहते छलांग लगाकर अपनी जान बचा ली। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, और विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच जारी है।

सूत्रों के मुताबिक, दुर्घटना के समय विमान से करीब दो किलोमीटर दूर पायलट और उनके साथी गिरे हुए मिले। स्थानीय लोगों ने देखा कि एक तेज आवाज के साथ विमान खेतों में गिरा और आग की लपटों में घिर गया। इस भयानक दृश्य को देख गांव के लोग मौके पर पहुंचे और फौरन प्रशासन को इसकी जानकारी दी। राहत कार्य में तत्परता से जुटे स्थानीय प्रशासन और सेना के अधिकारियों ने पायलटों को सुरक्षित निकालने और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए।

अधिकारियों का कहना है कि यह एक बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन पायलटों की त्वरित कार्रवाई ने उनकी जान बचा ली। हालांकि, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि हादसे का असल कारण क्या था। क्या विमान में कोई तकनीकी खराबी थी, या फिर यह घटना किसी अन्य कारण से हुई? सेना और वायुसेना की विशेष टीम ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू कर दी है। यह देखा जा रहा है कि कहीं विमान में उड़ान के दौरान कोई तकनीकी खामी तो नहीं आ गई थी, या फिर मौसम संबंधी कोई समस्या थी जो हादसे का कारण बनी।

सेना ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है और इस पर विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि विमान के तकनीकी पहलुओं की जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस घटना के कारण सेना के भीतर एक नई बहस छिड़ गई है कि क्या उड़ानों के दौरान और भी सख्त मानकों का पालन किया जाना चाहिए।

इस घटना ने एक बार फिर से सेना के विमानों के तकनीकी स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, हादसे में दोनों पायलट सुरक्षित हैं और फिलहाल आगरा के अस्पताल में उनका प्राथमिक इलाज किया गया है। ग्रामीणों ने भी इस साहसिक बचाव अभियान में मदद की और पूरे क्षेत्र में सतर्कता बरती। सेना के अधिकारियों ने ग्रामीणों का आभार व्यक्त करते हुए उनकी सूझबूझ की सराहना की।